गरम जामुन बहुत समय पहले की बात है, सुंदरवन में श्वेतू नामक एक बूढ़ा खरगोश रहता था। वह इतनी अच्छी कविता लिखता था कि सारे जंगल के पशु्पक्षी उन्हें सुनकर दातों तले उँगली दबा लेते और विद्वान तोता तक उनका लोहा मानता था। श्वेतू खरगोश ने शास्त्रार्थ में सुरीली कोयल और विद्वान मैना तक को हरा कर विजय प्राप्त की थी। इसी कारण जंगल का राजा शेर भी उसका आदर करता था। पूरे दरबार में उस जैसा विद्वान कोई दूसरा न था। धीरे-धीरे उसे अपनी विद्वत्ता का बड़ा घमण्ड हो गया। एक दिन वह बड़े सवेरे खाने की तलाश में निकला। बरसात के दिन थे, काले बादलों ने घिरना शुरू ही किया था। मौसम की पहली बरसात होने ही वाली थी। सड़क के किनारे जामुनों के पेड़ काले-काले जामुनों से भरे झुके हुए थे। बड़े-बड़े, काले, रसीले जामुनों को देखकर श्वेतू के मुँह में पानी भर आया। एक बड़े से जामुन के पेड़ के नीचे जाकर उसने आँखें उठाई और ऊपर देखा तो नन्हें तोतों का एक झुण...
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चार मित्र और एक शिकारी एक समय की बात है , चार अच्छे दोस्त थे – एक हिरण , एक कछुआ , एक कौवा और चूहा। वे सभी हर दिन जंगल में खुशी से रहते थे जब हिरण शिकारी के जाल में फंस गया था। हिरण के दोस्तों ने उसे बचाने के लिए योजना बनाई जब उन्होंने उसे जमीन पर लेटने को बोला। कछुए ने शिकारी को विचलित कर दिया। शिकारी उसके पीछे दौड़ने लगा और हिरण को वंही छोड़ दिया। इस बीच , कौवा हिरण के शरीर पर बैठा और उस पर झुक गया ( जैसा कि वे एक मृत जानवर के साथ करते हैं ) । हिरण को मुक्त करने के लिए चूहा जल्दी से नेट को खोलता है। दूसरी तरफ कौवा ने कछुए को उठाकर उसे शिकारी से बचाया। इस तरह , सभी दोस्त एक - दूसरे के बचाव में आए और एक - दूसरे के नायक बन गए। कहानी की शिक्षा – सम्मिलित काम महान परिणाम प्राप्त करने और सभी बाधाओं को दूर करने में मदद कर सकता है।
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